जून 2025 में Gmail इतिहास का सबसे बड़ा साइबर अटैक सामने आया है. इस अटैक में करीब 2.5 बिलियन यानी 250 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारी लीक हो गई है. यह घटना गूगल डेटाबेस मैनेज करने वाली कंपनी सेल्सफोर्स के क्लाउड प्लेटफॉर्म पर हुई है. माना जा रहा है कि हैकर ग्रुप ShinyHunters ने इस अटैक को अंजाम दिया है और अब यह डेटा उनके हाथों में है.

इस बड़े डेटा ब्रीच की वजह से करोड़ों Gmail यूजर्स की निजी जानकारी खतरे में आ गई है. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक है जो गूगल से जुड़ा हुआ है.
कैसे हुआ यह अटैक
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अटैक को अंजाम देने के लिए सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया गया. गूगल के थ्रेट इंटेलिजेंस ग्रुप (GTIG) ने बताया कि हैकर्स ने आईटी स्टाफ को फोन कॉल्स के जरिए अपने जाल में फंसाया. स्कैमर्स ने खुद को गूगल का कर्मचारी बताकर सेल्सफोर्स सिस्टम में फर्जी ऐप कनेक्ट किया और वहीं से डेटा चोरी कर लिया.
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इस ब्रीच की वजह से यूजर्स के कॉन्टैक्ट डिटेल्स, बिजनेस से जुड़े नोट्स और अन्य निजी डेटा अटैकर्स के हाथ लग गए. हालांकि गूगल ने यह कन्फर्म किया है कि किसी भी यूजर का पासवर्ड लीक नहीं हुआ है, लेकिन चोरी हुए डेटा का इस्तेमाल फिशिंग और स्कैम के लिए किया जा रहा है.
यूजर्स पर असर
इस साइबर अटैक के बाद कई यूजर्स ने ऑनलाइन फोरम पर दावा किया है कि उन्हें फिशिंग ईमेल मिलने लगे हैं. इसके अलावा उनके मोबाइल नंबर पर फ्रॉड कॉल और स्पैम मैसेज भी आने लगे हैं.

साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि हालांकि Gmail अकाउंट का पासवर्ड सीधे प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन लीक हुई जानकारी का इस्तेमाल कर हैकर्स अकाउंट्स तक पहुंच सकते हैं. खास तौर पर उन यूजर्स के अकाउंट ज्यादा खतरे में हैं जो साधारण पासवर्ड जैसे “123456” या “password” इस्तेमाल करते हैं.
ShinyHunters हैकर ग्रुप
ShinyHunters नाम का यह हैकर ग्रुप पहले भी कई बड़े डेटा ब्रीच के लिए जिम्मेदार रह चुका है. इस बार भी यही ग्रुप 250 करोड़ यूजर्स के Gmail डेटा तक पहुंचा है. माना जा रहा है कि यह डेटा डार्क वेब पर बेचा जा सकता है या फिर इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर फिशिंग स्कैम के लिए किया जा सकता है.
कैसे बचें ऐसे साइबर अटैक से
इस तरह के बड़े डेटा लीक के बाद यूजर्स को अपनी सुरक्षा खुद सुनिश्चित करनी होगी. गूगल ने Dark Web Report फीचर उपलब्ध कराया है जिसके जरिए यूजर्स चेक कर सकते हैं कि उनका डेटा डार्क वेब पर मौजूद है या नहीं.
इसके लिए ये स्टेप्स फॉलो करें:
- गूगल ऐप खोलें और “मैनेज गूगल अकाउंट” पर टैप करें.
- यहां सिक्योरिटी टैब पर जाएं और स्क्रॉल करके Dark Web Report विकल्प चुनें.
- “स्टार्ट मॉनिटरिंग” पर टैप करें और अपनी पसंद कन्फर्म करने के बाद Done पर क्लिक करें.
- इसके बाद आपको रिपोर्ट मिलेगी कि आपका अकाउंट डार्क वेब पर है या नहीं.
अगर आपका डेटा डार्क वेब पर पाया जाता है, तो तुरंत अपना पासवर्ड बदलें और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें. इसके साथ ही टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन कर लें ताकि अकाउंट तक अनजान डिवाइस की पहुंच रोकी जा सके.
Gmail पर हुआ यह साइबर अटैक अब तक का सबसे बड़ा माना जा रहा है. 250 करोड़ यूजर्स का डेटा लीक होना साइबर सुरक्षा की गंभीर चुनौती को दिखाता है. भले ही गूगल ने पासवर्ड लीक न होने की बात कही हो, लेकिन निजी जानकारी का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में हर यूजर को तुरंत अपने अकाउंट की सुरक्षा जांचनी चाहिए, पासवर्ड बदलना चाहिए और 2FA जैसे अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए.
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