चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप मूनशॉट AI ने हाल ही में अपना नया ओपन-सोर्स AI मॉडल लॉन्च किया है। इस मॉडल का नाम किमी K2 है, जो खास तौर पर उन्नत कोडिंग क्षमताओं, एजेंट टास्क और टूल इंटीग्रेशन में बेहतरीन प्रदर्शन करता है। कंपनी का कहना है कि किमी K2 मॉडल चीन में तेजी से लोकप्रिय हो रहे डीपसीक V3 और एंथ्रोपिक के मॉडल्स को सीधी टक्कर देगा।
क्यों किया ओपन-सोर्स?
मूनशॉट AI का यह कदम चीन में AI कंपनियों के बीच बढ़ते ओपन-सोर्सिंग के चलन का हिस्सा है। जबकि अमेरिकी कंपनियां जैसे OpenAI और Google अपने सबसे पावरफुल AI मॉडल्स को मालिकाना (proprietary) रखती हैं, वहीं चीन की कंपनियां इन्हें ओपन-सोर्स कर रही हैं।
मेटा (Meta) जैसी कुछ अमेरिकी कंपनियां भी अब ओपन-सोर्स मॉडल्स रिलीज कर रही हैं।
ओपन-सोर्स करने से डेवलपर्स को इन मॉडलों के साथ प्रयोग करने, अपनी तकनीकी क्षमताओं को दिखाने और ग्लोबल स्तर पर कंपनी की पहुँच बढ़ाने में मदद मिलती है।
मूनशॉट AI की कहानी
मूनशॉट AI की स्थापना 2023 में सिंघुआ यूनिवर्सिटी के स्नातक यांग झिलिन ने की थी। 2024 में इसने लॉन्ग-टेक्स्ट एनालिसिस और AI सर्च फंक्शन्स की वजह से बड़ी लोकप्रियता हासिल की।
लेकिन जैसे ही डीपसीक ने अपने एडवांस मॉडल्स लॉन्च किए, मूनशॉट AI की बाजार में स्थिति कुछ कमजोर हुई। अब कंपनी किमी K2 के जरिए अपनी पकड़ फिर से मजबूत करना चाहती है।
चीन में बढ़ रही AI की दौड़
मूनशॉट AI के अलावा चीन की बड़ी कंपनियां जैसे अलीबाबा, टेनसेंट और बायडू भी अपने AI मॉडल्स को ओपन-सोर्स कर चुकी हैं। इससे पूरे AI इकोसिस्टम को फायदा हो रहा है और डेवलपर्स को नई तकनीकों पर काम करने का मौका मिल रहा है।
निष्कर्ष: मूनशॉट AI का किमी K2 मॉडल एक नया और दमदार कदम है, जिससे कंपनी को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पुरानी पहचान फिर से पाने में मदद मिल सकती है। ओपन-सोर्स की इस पहल से तकनीक और डेवलपर्स – दोनों का फायदा होगा
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