Apple ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रैटेजी को और मजबूत करते हुए घोषणा की है कि आने वाली iPhone 17 सीरीज के सभी मॉडल भारत में ही बनाए जाएंगे। इसमें दो प्रो मॉडल भी शामिल होंगे। कंपनी इन स्मार्टफोन्स को सितंबर 2025 में लॉन्च करने वाली है और लॉन्च के साथ ही अमेरिका में मेड इन इंडिया आईफोन की बिक्री शुरू होगी।

यह कदम अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध के बीच Apple के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। चीन पर निर्भरता घटाने और उत्पादन का विविधीकरण करने के लिए कंपनी ने भारत को प्रमुख केंद्र के रूप में चुना है।
चीन से भारत की ओर Apple का रुख
पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका-चीन संबंधों में तनाव बढ़ा है। टैरिफ और व्यापार शुल्कों के चलते Apple को मौजूदा क्वार्टर में ही लगभग 1.1 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। इसी वजह से कंपनी ने चीन पर अपनी निर्भरता कम करने का फैसला किया।
भारत में Apple का प्रोडक्शन अब तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने भारत में लगभग 22 बिलियन डॉलर के आईफोन असेंबल किए। यह Apple के ग्लोबल प्रोडक्शन का करीब 20 प्रतिशत है।
भारत में Apple की फैक्ट्रियां
फिलहाल Apple की भारत में 5 फैक्ट्रियां काम कर रही हैं। इनमें से दो हाल ही में शुरू की गई हैं। इन फैक्ट्रियों से न केवल भारत की घरेलू मांग पूरी की जा रही है बल्कि अमेरिका और अन्य देशों के लिए भी आईफोन का उत्पादन हो रहा है।
अप्रैल से जुलाई के बीच भारत से iPhone की शिपमेंट बढ़कर 7.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष के आधे निर्यात के बराबर है। जबकि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में Apple ने लगभग 17 बिलियन डॉलर के आईफोन निर्यात किए थे।
Tata Group और Apple की साझेदारी
भारत में Apple के iPhone प्रोडक्शन को बढ़ाने में Tata Group की बड़ी भूमिका है। अगले दो सालों में Tata Group भारत में आधे से ज्यादा आईफोन का उत्पादन अपने हाथों में ले सकता है।
- तमिलनाडु के Hosur प्लांट
- बैंगलोर एयरपोर्ट के पास स्थित Foxconn प्लांट
इन लोकेशन्स पर पहले से ही iPhone का उत्पादन हो रहा है। Tata की बढ़ती भागीदारी से Apple का भारत में प्रोडक्शन और भी मजबूत होगा।
ट्रंप की आपत्ति और Apple का स्टैंड
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हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Apple को भारत में iPhone का प्रोडक्शन न करने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि अमेरिका में बिकने वाले आईफोन का निर्माण अमेरिका में ही होना चाहिए।
इसके बावजूद Apple ने स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी भारत में अपना उत्पादन जारी रखेगी और इसे और बढ़ाएगी। भारत में मैन्युफैक्चरिंग न केवल लागत प्रभावी है बल्कि भू-राजनीतिक जोखिमों को भी कम करती है।
मेड इन इंडिया iPhone 17 सीरीज
आगामी iPhone 17 सीरीज में चार मॉडल शामिल होने की उम्मीद है। इनमें दो प्रो वेरिएंट भी होंगे। Apple इन्हें सितंबर में पेश करेगा और लॉन्च के साथ ही अमेरिका में मेड इन इंडिया यूनिट्स बेचेगा।
इस फैसले से यह साफ है कि भारत अब Apple की सप्लाई चेन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। आने वाले समय में भारत में बने iPhones की मांग और सप्लाई दोनों बढ़ेंगी।
भारत पर Apple की बढ़ती निर्भरता

Apple का भारत में उत्पादन शुरू करना केवल लागत और लॉजिस्टिक्स की रणनीति नहीं है, बल्कि यह भारत को एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में भी कदम है।
- भारत से iPhone का निर्यात लगातार बढ़ रहा है।
- भारत की श्रम लागत चीन से कम है।
- सरकार की Production Linked Incentive (PLI) स्कीम से Apple को अतिरिक्त फायदा मिल रहा है।
इन कारणों से Apple के लिए भारत एक स्थायी और भरोसेमंद प्रोडक्शन बेस बनता जा रहा है।
Apple ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले समय में भारत उसकी सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा बनेगा। iPhone 17 सीरीज का भारत में निर्माण और अमेरिका में लॉन्च के पहले दिन से मेड इन इंडिया यूनिट्स की बिक्री इस दिशा में सबसे बड़ा कदम है।
चीन पर निर्भरता कम करना और भारत में निवेश बढ़ाना न केवल Apple बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा लाभ लेकर आएगा। Tata Group की साझेदारी और भारत सरकार की नीतियों के चलते भारत आने वाले समय में iPhone मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बन सकता है।
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