भारत की तेजी से बढ़ती ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 (Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) पास कर दिया है। इस बिल का मकसद ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को रेगुलेट और प्रमोट करना है। हालांकि, इस कानून ने जहां ई-स्पोर्ट्स सेक्टर को राहत दी है, वहीं रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे Dream11 और My11Circle को बड़ा झटका दे दिया है।

बिल पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
लोकसभा में इस बिल को विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच पास किया गया। इसके बाद सदन को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बावजूद इसके, यह कदम गेमिंग इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।
- ई-स्पोर्ट्स और एजुकेशनल गेम्स को इससे बढ़ावा मिलेगा।
- सोशल गेमिंग को भी वैधता और रेगुलेशन मिलेगा।
- लेकिन रियल मनी गेमिंग पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया गया है।
क्या कहता है बिल?
इस कानून में एक सेंट्रल रेगुलेटरी बॉडी बनाने का प्रस्ताव है, जो चार मुख्य सेगमेंट्स पर नजर रखेगी:
- ई-स्पोर्ट्स
- एजुकेशनल गेम्स
- सोशल गेमिंग
- रियल मनी गेमिंग
प्रोहिबिशन क्लॉज
बिल के प्रोहिबिशन क्लॉज में साफ लिखा गया है:
“कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम या ऑनलाइन मनी गेमिंग सर्विस ऑफर, मदद, बढ़ावा या उसमें शामिल नहीं हो सकता।”
इसका मतलब है कि पोकर, फैंटेसी क्रिकेट और कैश-आधारित गेमिंग प्लेटफॉर्म्स अब भारत में बैन हो जाएंगे। इतना ही नहीं, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी ऐसे गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए लेन-देन करने से रोक दिया गया है।
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ऑफेंस एंड पेनल्टी
बिल में उल्लंघन करने वालों के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं:
- रियल मनी गेम ऑफर करने वाली कंपनियों को 3 साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
- ऐसे प्लेटफॉर्म्स का विज्ञापन करने वालों को भी 2 साल तक की जेल या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
सरकार का तर्क

सरकार ने इस कानून को सही ठहराते हुए कहा कि ऑनलाइन मनी गेम्स, जो यूजर्स के डिपॉजिट के खिलाफ मुनाफा कमाते हैं, समाज और खासकर युवाओं पर गंभीर असर डाल रहे हैं।
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर कर्ज का बोझ
- मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर
- पब्लिक हेल्थ से जुड़े खतरे
इन सभी कारणों को देखते हुए सरकार ने रियल मनी गेमिंग को सख्ती से बैन करने का फैसला लिया है।
इंडियन स्पोर्ट्स पर असर
इस कानून का सीधा असर भारत के स्पोर्ट्स सेक्टर, खासकर क्रिकेट पर पड़ेगा।
- Dream11, जो भारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर है, हर साल लगभग 358 करोड़ रुपये खर्च करता है।
- My11Circle ने 5 साल के लिए IPL फैंटेसी राइट्स 625 करोड़ रुपये में खरीदे हैं।
- कई बड़े क्रिकेटर्स के पर्सनल एंडोर्समेंट डील्स भी इन्हीं कंपनियों से जुड़े हैं।
अगर ये कंपनियां बैन हो जाती हैं, तो भारतीय क्रिकेट और अन्य खेलों के स्पॉन्सरशिप मॉडल पर बड़ा असर पड़ेगा।
ई-स्पोर्ट्स सेक्टर खुश
दूसरी ओर, ई-स्पोर्ट्स कम्युनिटी के लिए यह बिल बड़ी राहत लेकर आया है।
- लंबे समय से ई-स्पोर्ट्स को भारत में कानूनी मान्यता की मांग थी।
- अब यह सेक्टर तेजी से बढ़ सकता है, खासकर तब जब ई-स्पोर्ट्स 2027 ओलंपिक डेब्यू की तैयारी कर रहा है।
- इस बिल के साथ भारत में ई-स्पोर्ट्स को नए स्तर पर ले जाने का रास्ता खुल गया है।
आगे का रास्ता
रियल मनी गेमिंग कंपनियों के लिए यह बिल एक बड़ा झटका है। आने वाले दिनों में इन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। वहीं, ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग के लिए यह कानून एक नए दौर की शुरुआत करेगा।
क्या बदलेगा?
- Dream11, My11Circle और Poker Apps जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगेगा।
- ई-स्पोर्ट्स, एजुकेशनल गेमिंग और सोशल गेमिंग को प्रमोट किया जाएगा।
- इंडस्ट्री में निवेश की दिशा बदल सकती है।
Online Gaming Bill 2025 भारत में गेमिंग इंडस्ट्री का चेहरा बदल सकता है। जहां यह रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और उनकी अरबों की इंडस्ट्री के लिए संकट लेकर आया है, वहीं ई-स्पोर्ट्स और एजुकेशनल गेमिंग के लिए यह सुनहरा मौका है।
क्रिकेट और अन्य खेलों के स्पॉन्सरशिप मॉडल पर इसका असर जरूर दिखेगा, लेकिन लंबे समय में यह कदम युवाओं और समाज को आर्थिक व मानसिक नुकसान से बचाने के लिए अहम माना जाएगा।
डिस्क्लेमर: दी गई जानकारी विभिन्न रिपोर्ट्स, न्यूज़ सोर्सेज और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोत या विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित है।
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